उमेद की सखियां बन रही जैविक खेती की रोल मॉडल घर-घर जाकर जैविक खेती एवं बीज प्रक्रिया की सिखा रही गुर

उमेद की सखियां बन रही जैविक खेती की रोल मॉडल
घर-घर जाकर जैविक खेती एवं बीज प्रक्रिया की सिखा रही गुर

सारस एक्सप्रेस । गोंदिया 
महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नती अभियान अर्थात उमेद की कृषि सखियां जैविक खेती एवं धान बीज प्रक्रिया के गुर एवं उनके फायदे किसानांे के घर-घर जाकर बता रही है। गांेदिया जिले की 400 से अधिक कृषि सखियां जैविक खेती की रोल मॉडल बन गई है। उमेद की कृषि सखियों से किसानों में उम्मीद जाग गई कि भविष्य में विषमुक्त अनाज की पैदावार में गांेदिया जिला अव्वल नंबर पर आ जाएगा। 
बता दें कि इन दिनांे किसानो में होड़ लगी है कि अधिक से अधिक फसलो की पैदावार कैसे लंे। अनाज का बंपर उत्पादन पाने के लिए किसान जैविक खेती को छोड़ रासायनिक खेती की ओर बढ़ रहे है। रासायनिक खादो का उपयोग कर जमीन को बंजर तो किया जाता है लेकिन सबसे अधिक नुकसान इस रासायनिक खाद से पैदा होने वाले विषयुक्त अनाज के ग्रहण से होता है। जिसके विभिन्न विपरित परिणाम भी दिखाई दे रहे है। जिसे गंभीरता से लेते हुए शासन द्वारा विभिन्न् योजनाओं के तहत किसानाे को जैविक खेती की अोर लाने का कार्य किया जा रहा है। महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नती अभियान अर्थात उमेद के माध्यम से महिला सक्षमीकरण के साथ-साथ कृषि क्षेत्रो में भी उल्लेखनीय कार्य कृषि सखियो के माध्यम से कराया जा रहा है। गांेदिया जिले में 400 से अधिक उमेद द्वारा कृषि सखियो का चयन किया गया है। जिन्हे अभियान के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है। अब यह कृषि सखियां ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के घर-घर जाकर जैविक खेती के गुर व उनके फायदे बता रहे है। इतना ही नहीं तो खरीफ फसल का मौसम शुरू हो गया है। गांेदिया जिले में सबसे अधिक खरीफ फसल के रूप में धान का उत्पादन लिया जा रहा है। धान रोपाई के पूर्व बीज की प्रक्रिया किस तरह से की जाती है इसका प्रशिक्षण भी किसानो को दिया जा रहा है। सबसे अधिक जैविक खेती पर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। किसानाे में उम्मीद जग गई की जल्द ही गांेदिया जिला जैविक खेती में नंबर वन बन जाएगा।