तिरोडा (गोंदिया दि. ३१ )- ग्राम पंचायत और ग्रामसेवक राउत ने भंबोडी गांव में सरकारी घरकुल योजनाके वितरण के दौरान गाव नमूना ८–अ और अन्य दस्तावेजों में फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकार और भंबोडी के नागरिकों को गुमराह किया। इस केस मे विशेष कार्यपालन अधिकारी, मुख्यमंत्री सचिवालय कक्ष व रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर गोंदिया स्मिता बेलपत्रे ने भंबोडी के ग्रामसेवक व ग्राम पंचायत के कार्यकाल की जांच के आदेश दिए हैं.
ग्राम भंबोडीमें जिन लोगों के पास पक्का मकान है और उन्हें आश्रय की आवश्यकता नहीं है, उन्हें नमूना ८–अ में हेरफेर करके घरकुल योजना का लाभ दिया गया। परन्तु जिन लोगों के घर मिट्टी के बने हैं, उन्हें आवश्यक होने पर भी घरकुल योजना का लाभ नहीं दिया गया। जिन लोगों के पास 5 से 10 एकड़ उपजाऊ जमीन है। ऐसे लोगों कोभी मकान दिया गया। मेहनतकश गरीब किसान और मजदूरी करनेवालोंको ना देते हुये सरकारी नौकरी और पेंशनपाने वालों को घर का लाभ दिया गया। ऐसे लोगों को घरकुल का लाभ भी दिया गया जिनमेसे कुछ लोगों ने घर तक नहीं बनाया है। लेकिन किसी और के घर के सामने खड़े होकर तस्वीरें खींच लीं और पैसे ले लिए। संबंधित विभाग के अधिकारीभी गांव में नहीं आए और पूछताछ भी नहीं की और मकान दे दिये गये।
मामले की शिकायत भंबोडी के सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गाप्रसाद मोहन डिंकवार ने खंडविकास अधिकारी पंचायत समिति तिरोडा, कलेक्टर गोंदिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला परिषद गोंदिया एवं मुख्यमंत्री सचिवालय कक्ष अधिकारी क्रमांक 102 को की थी . उन्होंने मांग की कि ग्राम सेवक व ग्राम पंचायत के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की जाए। निवासी उपजिलाधिकारी द्वारा ११ एप्रिल २०२३ को पत्र क्र./प्रस्तुत/कावि/१४२/२०२३ द्वारा जांच के आदेश दिए हैं।
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