न्यायालय के समक्ष झूठी गवाह देने वाले पर कार्रवाई प्रकरण गोंदिया जिला सत्र न्यायालय का

न्यायालय के समक्ष झूठी गवाह देने वाले पर कार्रवाई
प्रकरण गोंदिया जिला सत्र न्यायालय का
        सारस न्यूज़ एक्सप्रेस 
मुख्य जिला व सत्र न्यायाधीश के समक्ष झूठी गवाह देने पर आरोपी को निर्दोष मुक्त करार दिया गया है। झूठी गवाह वाले के खिलाफ भी जिला सत्र न्यायालय ने कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है। इस तरह की जानकारी जिला सत्र न्यायालय गांेदिया की ओर से दी गई है। जिस गवाहदार ने झूठी गवाह दी है उस गवाहदार का नाम विजयटोला निवासी अशोक बलिराम वाघाडे बताया गया है। 
इस संदर्भ मंे जिला पुलिस विभाग द्वारा प्रेस विज्ञप्ती के माध्यम से जानकारी दी गई कि विजयटोला निवासी बलिराम पांडु वाघाडे (61) यह शिकायतकर्ता अशोक बलिराम वाघाडे का पिता है। दोनों में मवेशियो के पैसे को लेकर विवाद हो गया और इसी विवाद को लेकर पिता बलिराम वाघाडे ने बेटे अशोक बलिराम वाघाडे को लोेहे की रॉड से प्रहार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। अशोक वाघाडे की शिकायत पर दवनीवाडा पुलिस थाने में आरोपी बलिराम वाघाडे के िखलाफ धारा 307 के तहत अपराध दर्ज कर आगे की सुनवाई के लिए सहायक पुलिस निरीक्षक दीपक जाधव द्वारा मुख्य जिला व सत्र न्यायाधीश न्यायालय गोंदिया के समक्ष प्रकरण को प्रस्तुत किया गया। जब प्रकरण की सुनवाई चल रही थी तब शिकायतकर्ता अशोक वाघाडे ने न्यायधीश के समक्ष उत्तम गवाह दी। लेकिन जब आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष अशोक वाघाडे का बयान लिया तो जिस पर अशोक वाघाडे ने झूठी गवाह दी। जिस कारण आरोपी को निर्दोष साबित िकया गया। जिसे लेकर न्यायालय ने झूठी गवाह देने वाले अशोक वाघाडे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। गोंदिया जिला पुलिस प्रशासन द्वारा आव्हान किया गया है कि शिकायतकर्ता व गवाहदारों ने न्यायालय के समक्ष झूठी गवाह न दे यदि झूठी गवाह दी गई तो ऐसे व्यक्तियांे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।