सारस न्यूज़ एक्सप्रेस गोंदिया
ओबीसी समाज की जनगणना को लेकर आेबीसी संगठन की ओर से 18 सितंबर से जनाक्रोश आंदोलन निरंतर शुरू है। जिला परिषद गांेदिया कार्यालय परिसर में चौथे दिन भी ओबीसी संगठन के आंदोलनकारी जनगणना करने की मांग को लेकर डटे हुए है। आंदोलनकारी इंजी.राजीव ठकरेले ने जानकारी देते हुए बताया कि कंेद्र व राज्य की सरकार ओबीसी पर अन्याय कर भेदभावपूर्ण नीति अपना रही है। केंद्र सरकार द्वारा महिला आरक्षण बिल पारित किया गया है। लेकिन ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी समाज की जनगणना नहीं की जा रही है। वर्ष 2010 मंे हुई जनगणना के आंकडे घोषित नहंी किए जा रहे है जिस वजह से ओबीसी समाज का राजनीतिक, शिक्षा व नौकरी का आरक्षण संकट मंे आ गया है। ओबीसी के आरक्षण मंे मराठा समाज को शामिल कर ओबीसी के संवैधानिक अधिकार को नष्ट करने का प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। ओबीसी के अधिकार के लिए चंद्रपुर में जिलाध्यक्ष राजेंद्र टांगे द्वारा अनिश्चितकालीन भूख हडताल पर बैठे हुए है। भूख हडताल पर बैठे टांगे की हालत नाजुक बन चुकी है। बावजुद राज्य सरकार द्वारा आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है बल्कि मराठा समाज के आंदोलन को गंभीरता से लेकर सकारात्मक आश्वासन देकर हल निकालने का प्रयास कर रही है। कुल मिलाकर ओबीसी के आंदाेलन को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह की जानकारी दी गई है। ओबीसी जनाक्रोश भूख हडताल में जिप कृषि सभापति सोनु कुथे, संतोष ठाकुर, राज मस्करे, इंद्रकांत लिल्हारे, गणेश भेलावे, प्रितम भेलावे, प्रेमलाल साठवने, संघर्ष हुकरे, अतुल कावडे, मंथनसिंग चव्हान, समीप पटेल, तिर्थराज बघेले, महेश मस्करे, कैलाश भेलावे सहित अनेक आंदोलनकारियों का समावेश है।
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