एनएचएम कर्मियों के बाद अब आशाओं की भी हड़ताल

जिले की स्वास्थ्य सेवा ठप, ग्रामीण मरीजों नहीं मिल रही समय पर सेवा 
        सारस न्यूज एक्सप्रेस 
एनएचएम कर्मियों ने लंबित मांगों को लेकर 25 अक्टूबर से बेमियादी कामबंद हड़ताल शुरू कर दी है। जिसमें नर्स, तकनिशियन अधिकारी एवं डाक्टरों का भी समावेश है। जिस कारण स्वास्थ्य विभाग की सेवा लडखड़ा गई है। अब इस हड़ताल के बाद आशा सेविका व गट प्रवर्तकों ने भी कामबंद आंदोलन 26 अक्टूबर से शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को समय पर सेवा नहीं मिलने के कारण जिले की स्वास्थ्य सेवा ठप हो गई है। चेतावनी दी गई है कि यदि सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो हड़ताल निरंतर जारी रहेगी। 
बता दें कि एनएचएम के तहत संविदा पद्धती पर काम करने वाले नर्स, डाक्टर, तकनिशियन तथा अन्य कर्मचारियों को अल्प मानधन दिया जा रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। पिछले 20 वर्षों से अल्प मानधन पर काम कराया जा रहा है। एनएचएम के कर्मियों के संगठन की मांग है कि एनएचएम के कर्मियों को शासकीय सेवा में शामिल किया जाए। इसी मांग को लेकर 25 अक्टूबर से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। जिसमें जिले के लगभग 600 से अधिक कर्मचारियों ने हिस्सा लिया है। इसी के साथ महाराष्ट्र राज्य आरोग्य खाते आशा व गट प्रवर्तक संगठन ने भी लंबित मांगों को लेकर आशा सेविकाओं ने 26 अक्टूबर से कामबंद आदोलन शुरू किया है। मांग है कि आशा सेविकाओं को ऑनलाईन काम न दें। आशा व गट प्रवर्तकों को दीपावली पूर्व एक माह का मानधन तथा बोनस दें। मानधन में  बढ़ोत्तरी करें, आशा सेविकाओं को सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दें, आशा सेविकाओं को 18 हजार रूपए मानधन दिया जाए आदि मांगों का समावेश है। इन मांगों को लेकर आशा व गट प्रवर्तकों ने जिला परिषद कार्यालय के सामने 26 अक्टूबर से आंदोलन शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य सेवा ठप हो गई है।