पिंडकेपार का नंदी बन रहा आस्था का केंद्र

नजर चुराकर घरो में घुस जाता है पिंडकेपार गांव का नंदी
आस्था के रूप में नंदी को दिया जा रहा आसरा
           सारस न्यूज़ एक्सप्रेस 
गोरेगांव तहसील के पिंडकेपार ग्राम में एक ऐसा नंदी है जो गांव के घरो में नजर चुराकर घुस जाता है लेकिन किसी को भी नुकसान पहुंचाए बिना आंखो के सामने से ओझल हो जाता है। नंदी को गांव के लोग आस्था के रूप में देखकर उसे आसरा भी दे रहे है। 
इस संदर्भ में जानकारी दी गई है कि गोरेगांव तहसील के कवलेवाड़ा, डोंगरूटोला में बह्या बाबा नामक भगवान का मंदिर है। जो क्षेत्रवासियों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। जिसकी भी मन्नत पुरी होती है तो बह्या बाबा के नाम से गांव में नंदी छोड़ा जाता है। गांव के ही दिवंगत भाउलाल रघुनाथ पटले की मन्नत पुरी होने पर उनके द्वारा बह्या बाबा के नाम से पिंडकेपार में वर्ष 2006 में नंदी को छोड़ा गया था जो वर्तमान में 17 वर्ष का हो चुका है। यह नंदी पिछले 17 वर्षो से गांव में घुम रहा है। खुले घरो में वह उपस्थित निवासियो की नजर चुराकर घुस जाता है। लेकिन इस दौरान किसी भी निवासियों को या छोटे बालको को नुकसान नहीं पहुंचाता। जिस वजह से इस नंदी को आस्था के रूप में देखा जा रहा है। 
नंदी को उपचार की जरूरत
नंदी लगभग 17 वर्ष का हो चुका है। हर कोई व्यक्ति इस नंदी को भगवान के रूप में देखता है। नंदी के दोनो सिंग इतने बढ़ गए है कि बढ़ते-बढ़ते नंदी के आंख के नीचे के हिस्से में घुस गए है। जिससे उसे जख्म हो गया है। जिस कारण नंदी के जख्म वाले हिस्से से लगातार रक्त बहता रहता है। ग्रामीण उसे पकड़ने की कोशिश करते है तो वह उनके हाथ में नही आता। जख्मी नंदी पर समय रहने उपचार करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। नंदी पर उपचार कराने के लिए गांव का हर जिम्मेदार व्यक्ति प्रयास कर डाक्टरों को मदद करना चाहता है।