धरती को हरीयाली बनाने के लिए सामाजिक वनीकरण विभाग द्वारा खाली जमीन पर लाखो की संख्या में पौधो का रोपण कर उन्हें पेड़ों में तब्दील करने का काम किया जा रहा है। जिनके संवर्धन पर लाखो रूपए पानी की तरह खर्च किए जा रहे है लेकिन जिले के अनेक स्थानो पर लगाए गए पौधो को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि पौधे जमीन में दफन हो रहे है। सामाजिक वनीकरण विभाग पौधो को पेड़ों में तब्दील करने में असफल साबित हो रहा है। उपरोक्त जो दृश्य देखा जा रहा है वह दृश्य सामाजिक वनीकरण विभाग द्वारा ढाई वर्ष पूर्व लगाए गए पौधो का है।
बता दें कि पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए सामाजिक वनीकरण तथा वन विभाग के माध्यम से शासकीय खाली जमीनो पर लाखो की संख्या में पौधारोपण कर उनका संवर्धन किया जा रहा है। गोंदिया सामाजिक वनीकरण विभाग की ओर से लाखो की संख्या में पौधो का रोपण कर उनका तीन वर्षो तक संवर्धन मनरेगा के मजदूरो के माध्यम से किया जा रहा है। इस काम पर लगभग ढाई हजार से अधिक मजदूर वृक्ष संवर्धन का काम कर रहे है। लेकिन अनेक स्थानो पर यह देखा जा रहा है कि पौधो के संवर्धन में कहीं ना कहीं लापरवाही बरती जा रही है जिस वजह से दो से ढाई वर्ष पूर्व लगाए गए पौधे जमीन में दफन होने की स्थिति में दिखाई दे रहे है। जबकि एक मजदूर को तीन माह तक वृक्ष संवर्धन का काम दिया जाता है। इन मजदूरो को प्रतिदिन 272 रूपए के दर से मजदूरी मनरेगा के माध्यम से दी जाती है। लाखो रूपए वृक्ष संवर्धन पर खर्च करने के बावजुद भी पौधे वृक्ष में तब्दील नहीं हो रहे है। गोरेगांव तहसील के अनेक स्थानो पर दो से ढाई वर्ष पूर्व लगाए गए पौधे पुरी तरह से सूखे एवं मुरझाए जैसे स्थिति में दिखाई दे रहे है। इस संदर्भ में जब सामाजिक वनीकरण विभाग के आरएफओ आजमी के मोबाइल पर संपर्क कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
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