प्राकृतिक आपदा ऐसी घटना है जो कभी भी घट सकती है। ऐसी घटनाओं में कई परिवार बर्बाद हो जाते है। ऐसे आफत के समय में हमेशा शासन सतर्क होकर तत्काल आपदाग्रस्तो को मदद पहुंचाता है। लेकिन गोंदिया जिले के आपदा प्रबंधन विभाग की तिजोरी ही खाली होने से आपदाग्रस्तो को एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बावजुद भी मदद नहीं पहुंच पाई है। बताया गया है कि सितंबर-अक्टूबर 2022 में हुई अतिवृष्टि से जिले के 104 गांवों के लगभग 1 हजार मकानो को नुकसान पहुंचा था। जिनमे से कुछ परिवार बेघर हो गए। आज भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला है और ना ही जिले के किसी जनप्रतिनिधियो ने इस विषय को लेकर शासन के समक्ष रखा है।
बता दें कि गोंदिया जिले में वर्ष 2022 के सितंबर एवं अक्टूबर माह में अतिवृष्टि हुई। जिसमे सैकड़ों मकान धराशायी हो गए वहीं पशुधनो के तबेले भी ध्वस्त हो गए। राजस्व विभाग ने नुकसान का सर्वे किया तो रिपोर्ट आई की जिले के 104 गांवों में 991 मकान व तबेलो को नुकसान पहुंचा है। जिनमें से 25 मकान पुरी तरह से ध्वस्त होकर परिवार बेघर हो गए और 966 मकान व पशुधनो के तबेलो को नुकसान पहुंचा। इस आपदा से 1 करोड़ 94 लाख 83 हजार 700 रूपए का नुकसान पहुंचा। जिसकी मांग जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से शासन से की गई लेकिन अभी तक मांगी गई मदद की राशि गोंदिया जिला प्रशासन को नहीं पहुंच पाई है। आपदा के समय में भी शासन आपदाग्रस्तो को मदद कराने में गंभीरता क्यों नहीं दिखा रहा है ऐसा सवाल भी आपदाग्रस्तो द्वारा किया जा रहा है।
निधि मिलते ही दिया जाएगा मुआवजा
सितंबर-अक्टूबर 2022 में अतिवृष्टि से 104 गांवों में 166 मकानो एवं तबेलो को नुकसान पहुंचा। वहीं 25 मकान पुरी तरह से गिर गए थे। मुआवजा देने के लिए शासन को 1 करोड़ 94 लाख 83 हजार 700 रूपए का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। निधि मिलते ही आपदाग्रस्तो को मुआवजे की राशि दी जाएगी।
- राजन चौबे, आपदा प्रबंधन अधिकारी, जिलाधिकारी कार्यालय, गोंदिया
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