आंगनवाड़ी केंद्र कर्मचारियो की मांगे पुरी नहों होने से महाराष्ट्र राज्य आंगनवाडी-बालवाड़ी कर्मचारी यूनियन आयटक के नेतृत्व में बुधवार 20 दिसंबर को जिला परिषद कार्यालय के सामने आंगनवाडी केंद्र के कर्मचारियों ने आंदोलन किया है। इस दौरान आंदोलनकारी कर्मचारियों ने बताया कि जिले के जिन विधायको ने शीतकालीन अधिवेशन में आंगनवाड़ी-कर्मचारियो की मांगों को नहीं रखा है ऐसे विधायको के खिलाफ उनके निवास या कार्यालय के सामने 23 दिसंबर के बाद तीव्र आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन का नेतृत्व राज्य उपाध्यक्ष हौसलाल रहांगडाले, राज्य सचिव विठा पवार, जिलाध्यक्ष शकुंतला फटिंग, वीना गौतम, राजलक्ष्मी हरिणखेडे, ज्योती लिल्हारे, जीवनकला वैद्य, अनिता शिवणकर आदि ने किया है।
इस संदर्भ में आयटक द्वारा जानकारी दी गई कि पिछले कई वर्षो से आंगनवाडी केंद्र के कर्मचारियें की मांगे प्रलंबित है। मांगो में आंगनवाड़ी सेविका, सहायिकाओ को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, सेविकाओ को 26 हजार रूपए व सहायिकाओ को 20 हजार रूपए देने, पेंशन लागू करने, नया मोबाईल व ग्रेज्यूएटी तथा पीएफ देने आदि का समावेश है। इन मांगों को लेकर कई बार आंदोलन तथा शासन के अधिकारी एवं मंत्रियो के साथ चर्चा की गई जिसमें हमेशा आश्वासन दिए गए लेकिन वे पुरे नहीं हो पाए। यहां तक की जिले के चारो विधायको को मांगों का पत्र देकर अधिवेशन में मुद्दा रखने की मांग की गई लेकिन चार विधायको में से निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल व कांग्रेस के विधायक सहसराम कोरोटे ने ही आंगनवाड़ी केंद्र के कर्मचारियों के विषय पर मुद्दा उठाते हुए ध्यानाकर्षण किया है। जिन विधायको ने विषय को सदन में नही रखा ऐसे विधायको के खिलाफ उनके निवास या कार्यालय के सामने तीव्र आंदोलन किया जाएगा ऐसी चेतावनी भी आंदोलन कर्मचारियो ने दी है। उपरोक्त मांगो को तत्काल मंजूर करे इसी मांग को लेकर बुधवार 20 दिसंबर को जिला परिषद कार्यालय के सामने आंदोलन किया गया। जिसमे जिले की सैकड़ों आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका शामिल हुई थी।
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