रेल प्रशासन भी सुविधा उपलब्ध कराने में असफल
*क्षेत्र के विधायक सहसराम कोरोटे कहते है की विकास के लिए हम कटिबद्ध*
सारस न्यूज़ एक्सप्रेस गोंदिया
महाराष्ट्र के गोंदिया जिले मे कचारगढ़ गुफा है, जो 518 मीटर ऊंचाई पर स्थित है , जिसकी ऊंचाई 94 मीटर होकर 25 मीटर गुफा का द्वार हैजिस वजह से इस गुफा को एशिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफा माना जाता है।
इसी गुफा में आदिवासी गोंड समुदाय के पारी कोपार लिंगो ने 5 हजार वर्ष पूर्व गोंडी धर्म की स्थापना की थी। और इसी गुफा से धर्म गुरु पहादी कोपार लिंगो ने गोंडी धर्म का प्रचार शुरू किया था।तब से से इस गुफा को पारी कोपार लिंगो कचारगढ़ गुफा कहा जाता है ।
प्रतिवर्ष फरवरी माह के माघ पूर्णिमा को यात्रा का आयोजन किया जाता है ।जहां पर देश भर के लाखों श्रद्धालु अपने धर्म गुरु व देवताओं को नमन करने पहुंचते हैं
इस वर्ष भी 22 फरवरी गुरुवार से यात्रा का शुभारंभ किया गया है । जहां पर देश के कोने-कोने से लाखो की संख्या में आदिवासी समुदाय आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा में पहुंच रहे है। इस दौरान वे आदिवासी नृत्य के साथ संस्कृति का प्रदर्शन भी कर रहे हैं। लेकिन अभी एशिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफा विकास से कोसों दूर है।
इस श्रद्धा स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से उन्हें विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की रेलवे प्रशासन भी समय पर ट्रेन नहीं चलाते हुए यात्री बोगियों की संख्या बढ़ाने में असफल साबित हो रही है
जब इस संदर्भ में क्षेत्र के विधायक सहसराम कोरोटे ने बताया कि उन्होंने अभी तक लाखों रुपए की निधि उपलब्ध कराकर विकास कार्य कर श्रद्धा लोगों को सुविधा उपलब्ध कराई है ।
वे कहते हैं कि आगे भी देवताओं ,श्रद्धालुओं की कृपा से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नानाभाऊ पटोले के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार बनेगी। हम कचारगढ़ के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबंध है। निधि की कोई भी कमी नहीं होने देंगे। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध कराने का अथक प्रयास किया जा रहा है।
सुविधा उपलब्ध कराने में रेलवे प्रशासन फेल
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