भंडारा-गोंदिया लोस चुनाव असमंजस में भाजपा-कांग्रेस* *किसी भी पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम नहीं किए स्पष्ट*

                सारस एक्सप्रेस 
 भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवारी को लेकर महाविकास आघाड़ी एवं महायुति में असमंजस की स्थिति देखी जा रही है. महायुति से उम्मीदवार का निर्णय बाद में लेने की बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा कहने से कांग्रेस से उम्मीदवारी के लिए ताल ठोंकने वाले दावेदारों ने मौन साध लिया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि राज्य में बदलते राजनीतिक समीकरणों ने महाविकास आघाड़ी एवं महायुति के सामने लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों को लेकर चुनौती खड़ी कर दी है. लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने पर भी अभी तक किसी भी पार्टी से उम्मीदवारी को लेकर स्पष्ट नाम सामने नहीं आया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का निर्वाचन क्षेत्र होने की वजह से गोंदिया- भंडारा संसदीय सीट कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है. इसी वजह से कांग्रेस वेट एंड वॉच की भूमिका में नजर आ रही है. पटोले ने संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवारी को लेकर कहा था कि महायुति के उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद वे
रणनीति बनाएंगे. कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारों में मोहन पंचभाई, बंडू सावरबांधे, प्रशांत पडोले के नाम चर्चा में हैं. पिछले दो पंचवर्षीय चुनावों का जिक्र करें तो वर्ष 2014 के चुनाव में नाना पटोले ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी. लेकिन नाना पटोले अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपना त्यागपत्र देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उसके बाद 2019 के चुनाव में सुनील मेंढे ने भारी मतों के साथ जीत हासिल की थी. ऐसे में भाजपा इस सीट को बरकरार रखना चाहती है. यही वजह है कि उम्मीदवारी को लेकर भाजपा की ओर से अभी तक किसी भी उम्मीदवार का नाम स्पष्ट रूप से सामने नहीं आया है. कांग्रेस की तरह भाजपा भी वेट एंड वॉच की भूमिका में नजर आ रही है. दावेदारों की बात करें तो सांसद सुनील मेंढे की जोरदार मोर्चाबंदी जारी है. वहीं पूर्व मंत्री डॉ. परिणय फुके की ओर से भी जोरदार तैयारी की जा रही है. हालांकि महायुति के घटक दल राकांपा ने भी निर्वाचन क्षेत्र पर दावा किया है. भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा जारी की गई महाराष्ट्र के 20 उम्मीदवारों की सूची में भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र का समावेश नहीं होने से राजनीतिक क्षेत्र में कई कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि दावा हर किसी की ओर से किया जा रहा है, लेकिन भाजपा संसदीय बोर्ड किसे उम्मीदवारी देता है, इस पर सबकी निगाहें लगी हैं.