सारस न्यूज़ एक्सप्रेस
गोंदिया : अर्जुनी मोरगांव तहसील के महागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक कनिष्ठ सहायक के बकाया भत्ते के बिल पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने रिश्वत की मांग की। इसी बीच जब रिश्वत विभाग ने इस मामले का संज्ञान लिया तो उसने 48 हजार रुपये की रिश्वत लेने की तैयारी दिखा दी. इसके चलते गोंदिया एसीबी विभाग ने रिश्वत मांगने वाले चिकित्सा अधिकारी को हिरासत में ले लिया. आरोपी का नाम डाक्टर अंबर श्रीराम मडावी (44) है। यह कार्रवाई 24 जून को की गई.
बताया गया कि शिकायतकर्ता अर्जुनी मोरगांव तालुका के महागांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत है। शिकायतकर्ता के नक्सली भत्ते एवं अतिरिक्त मकान किराया का 6 लाख 7 हजार 320 रुपये का बिल तैयार किया गया था ।
बाराभाटी स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल में कार्यरत डाॅ. अंबर मडावी के पास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महगांव का अतिरिक्त प्रभार है। इसलिए शिकायतकर्ता के बिल पर हस्ताक्षर करने के लिए डाॅ. अंबर ने 10 प्रतिशत के बराबर 60 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. चूँकि शिकायतकर्ता बिल्कुल भी रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए उसने
गोंदिया के एसीबी विभाग में शिकायत की। जिसके बाद 11 और 12 जून को रिश्वत विभाग ने शिकायत की जांच की लेकिन सफलता नहीं मिली. लेकिन डॉ. अंबर मडावी ने पंचों के समक्ष 8 प्रतिशत की दर से 48,000 रुपये की रिश्वत लेने के की इच्छा दर्शाई . पृष्टि होने के बाद एसीबी विभाग ने डाॅ. अंबर मडावी को गिरफ्तार कर रिश्वत अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
*इन्होंने की कारवाई*
पुलिस अधीक्षक राहुल माकनिकर, अपर पुलिस अधीक्षक सचिन कदम के मार्गदर्शन में संजय पुरंदरे, उपअधीक्षक विलास काले, पुलिस निरीक्षक अतुलतवाडे, उमाकांत उगले, पो. हवा संजय बोहरे, मंगेश कहलकर, संतोष शेंडे, संतोष बोपचे, अशोक कापसे, संगीता पटले, रोहिणी डांगे, दीपक बटबार्वे तथा एसीबी की टीम ने की है।
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