✍️भरत घासले गोरेगांव
सामाजिक वनीकरण विभाग के तहत गोरेगांव तहसील के विभिन्न स्थानों पर नर्सरी, पौधों का रोपण कर मजदूरों द्वारा उनका संवर्धन किया जा रहा है। लेकिन पिछले पांच माह से मजदूरो को मजदूरी का भुगतान नहीं किए जाने से मजदूरों के परिवारों पर आर्थिक संकट आन पड़ा है। जिससे मजदूर नाराज होकर सवाल पूछ रहे की , क्या मौत के बाद मजदूरी दोगे साहब?
बता दे की सामाजिक वनीकरण विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं से पर्यावरण को संतुलन बनाए रखने के लिए मजदूरों के माध्यम से पौधों की नर्सरी और पौधों का रोपण बड़े पैमाने पर किया जाता है । गोरेगांव तहसील के विभिन्न स्थानों पर सैकड़ो मजदूर पौधों का संरक्षण व संवर्धन कर रहे हैं । लेकिन पिछले पांच माह से मजदूरों के खातों पर मजदूरी जमा नहीं की गई है, जिस कारण उनके परिवारों पर आर्थिक संकट आन पड़ा है। भारतवर्ष का सबसे बड़ा उत्सव दीपावली त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार पर गरीब हो या अमीर हर व्यक्ति नए कपड़े, मिठाई , विभिन्न वस्तुएं बड़े पैमाने पर खरीदारी करते है । लेकिन सामाजिक वनीकरण विभाग के मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने के कारण उनकी दीपावली अंधेरे में जाने की प्रबल संभावना जताई जा रही है । जिस वजह से नाराज होकर मजदूरों द्वारा सवाल पूछा जा रहा है कि, क्या मौत के बाद मजदूरी दोगे साहब ? जिसका जवाब देना अधिकारियों को मुश्किल में डाल रहा है।
👉 *उधारी पर खरीदे अनाज, अब पैसों के लिए किया जा रहा है तंग*
एक ओर सरकार लाडली बहन जैसी नगद स्वरूप की योजना चला कर लाभार्थियों को नगद राशि दे रही है। वहीं दूसरी ओर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधों को जीवित रखने वाले मजदूरो को मजदूरी के लिए तरसा रही है। मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने से उधारी पर अनाज खरीद कर अपने परिवारो का उधर निर्वाह करना पड़ रहा है । लेकिन अब दीपावली का पर्व आने से दुकानदारो द्वारा उन्हें पैसों के लिए तंग करना शुरू कर दिया है। इस तरह की जानकारी पीड़ित मजदूरों द्वारा दी जा रही है।
Social Plugin